चारों ओर रंग सराबोर था ;
नाउम्मीद नजर इनबॉक्स पर ही टिकी थी ;
पहल मैंने भी तो नहीं की ..
तो तुमसे नाराजगी कैसी ?
यूँ ही कई रंगों के बीच पूरा दिन ऐसे ही गुजरा ;
या बिना रंगों के ही गुजरा क्या पता !
याद आया पुराने इनबॉक्स में एक बात रखी थी वैसे ही रंगों में भीगा ;
कितने रंग थे वहां कैनवास था मेरे यादों का ;
“सबसे अलग सुर्ख रंग है इसमें तेरी दोस्ती का ” ;
वो सुबह से टीवी पर गाना बज रहा रहा था ;
“होली के दिन दिल खिल जाते है दुशमन भी .. ”
दिन ढलता गया ; बिना किसी संवाद के होली का रंग हाँ हाँ फीका फागुन ;
हाथ बरबस ही मोबाइल की तरफ ;
हाँ वक़्त और मायने बदल गये लेकिन मैं उसी तरह फिर
वही सम्बोधन के साथ .. पता है हमेशा की तरह जैसे ;
” ____
मे गॉड गिफ्ट यू आल द कलर्स आफ लाइफ,
कलर्स ऑफ़ जॉय, कलर्स ऑफ़ हैप्पीनेस, कलर्स ऑफ फ्रेंडशिप … (थोड़ा मन ठिठक सा गया फिर )
कलर्स ऑफ़ लव एंड आल द कलर्स यू वांट टू पेंट इन योर लाइफ। 🙂 ”
अपना ख्याल रखना और पूर्णविराम के पहले हँसी बिखेरनी वाली स्माइली भी एक ही आज लगाई !
मैसेज को बहुत देर तक देखता रहा जाते हुए .. जैसे वो मेरी गिरफ्त को ढीली कर रहे और कहीं जाते जा रहे !!
Inbox Love Bring By – Sujit