
कभी कशमकश में हाल पूछा होता !किस कदर अब ना कोई हँसता है,
बस सवाल की गहराहियों में दफ्न हो,
क्या कुछ सोचता है अब !
ना जाना कभी ना पूछा कभी,
दबे पावं झाँक के जाते तो रोज देखा,
कभी दौड़ के आते रोक के देखा होता !
शामिल है हर ख़ुशी में तेरे जो,
उसकी खुशी खो जाने का सवाल पूछा होता !
आहटों में बहल जाने का लगन है उसे,
नयनों में एक दिन तेरे आ जाने का चमक,
उस तरस को कभी एक पल तो सोचा होता !
यूँ तो सुबह हो ही जाती किसी खातिर,
कितनी पहर बीत जाती किसी खाली रातों में,
सहूलियत से हर दफा किस्सा छेरते,
कभी कशमकश में हाल पूछा होता !
□■ SK ■□
2 thoughts on “कुछ पूछा होता – Sometimes I feel ?”
bhawna
(November 15, 2013 - 5:20 pm)jawaab nahin hote kabhi
Sujit Kumar Lucky
(November 17, 2013 - 4:27 pm)silently hmare pas answer hote but hum convey nhi krte !!!
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