Autumn marks the transition from summer into Winter ….. किसे न इश्क़ हो इस मौसम से ?
ढलती रात अभी की, जैसे हवायें खुले खुले बदन से टकराकर अटखेली करती प्रेमिका सी लिपटती ; दूधिया रोशनी में नहायी सड़के और आसमां की खूबसूरती जैसे गुलज़ार की नज्म, उस नज्म से जैसे चाँद आसमां से उतरकर आपके बगल में आ बैठा ! जेठ की दोपहर के बाद जैसे रात का अहसास आज ही हुआ हो, उमस और तपिश के बाद पहली ओस की फुहार, किसे न इश्क़ हो इस मौसम से !
छत की मुंडेरों से घंटों देखना सड़क की ओर आते जाते अजनबी चेहरों में कुछ खोजने का कौतुहल, जैसे उसके चेहरे पर कुछ लिखा हो और असफल सी कोशिश उसे पढ़ने का ! आधी सी ठंड पर लिपटती आधी सी लिपटती चादर, जैसे चाहत हो कोई अधूरी सी ! कुछ रात ढलने पर पर उपजी सन्नाटों पर दूर कहीं निकल जाने का मन जैसे मन कुछ तलाशना चाहता हो !
किसे न इश्क़ हो इस मौसम से !
#Autumn #SK
badhiya
thanks