ख्वाबों की भी कोई दुनिया है क्या ?
खामोश जुबाँ से हो जाऊँ अजनबी ; या सब कहके बन जाऊँ मैं गुमशुदा ! मैं अब रोज दुहरा नहीं सकता .. बीती बातों का किस्सा फिर से ! कई …
ख्वाबों की भी कोई दुनिया है क्या ? Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
खामोश जुबाँ से हो जाऊँ अजनबी ; या सब कहके बन जाऊँ मैं गुमशुदा ! मैं अब रोज दुहरा नहीं सकता .. बीती बातों का किस्सा फिर से ! कई …
ख्वाबों की भी कोई दुनिया है क्या ? Read Moreमैं अब कैसे शिकायत भी करू तुमसे, तुम खफा हो के कुछ और दूर चले जाओगे ! ये फासले या वक्त की क्या साजिशे थी, कुछ खोने का अहसास अब …
कुछ खोने का अहसास ! Read More