इन बारह मासों में सूरज को को देखा आते जाते,
दो ध्रुवों के बीच की सतत यात्रा का जीवन !
ऐसे ही जैसे किसी ध्रुव से कभी शुरू हुआ अपना सफर,
मासों में नहीं वर्षों में विषुवत् की ओर चलता हुआ !
बड़ी तीक्ष्ण किरणें पड़ती हुई यहाँ,
खींच गयी रेखा दो फाँकों में काटती,
और रुकना सम्भव ना हुआ अब यहाँ !
चल पड़ा सूरज की तरह फिर,
किसी दूसरे ध्रुव की ओर सफर पर !
अब फिर जैसे करीब थे इस भूमध्य पर,
अब छूटता हुआ सब वैसे ही पीछे,
शनैः शनैः विदा होता हुआ सबसे !
कर्क से मकर की ओर जीवन चलता हुआ,
अब सब भूलता हुआ फिर उसी तरह बढ़ता,
जीवन अनंत है इन दो ध्रुवों के बीच !
#SK
About Poem : Journey of Life Compared to Movement of Sun between South Poles & North Poles, which bring season change same our life goes towards in this style of happiness vs sorrow these are two poles of life.
Motivational, these few lines teaches us to never back down nor afraid of the hard times. Just keep fighting !!!