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Coin - Childhood

Coin - Childhood

कोई गुल्लक नहीं ;

बिखेर देना सिक्के ;

ऐसे किसी जगह ;

किसी खिलौने के ख्वाबों के खातिर ;

तोड़ देना मिट्टी के लाल गुल्लक को ;

बचपन में ।

कोई मेहमान हाथ में रख देता था एक रूपये का सिक्का ; और दौड़ के गुल्लक में डाल के ; हाथों में उठा महसूस करता था ,

कितना भारी हुआ है । फिर एक बार हिला के खनखनाहट सुन खुश हो जाता था बचपन । अब सिक्के यूँ ही बिखरें है जैसे किसी सपनों की कीमत ये ना अदा कर पायेंगे ।। #sk

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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