Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज
3 thoughts on “सब बिखरा सा ..More Than A Poem”
Udan Tashtari
(July 18, 2010 - 12:05 am)बहुत खूब!
रंजना [रंजू भाटिया]
(July 22, 2010 - 5:10 am)bahut khub sundar ..pasand aayi aapki rachna
संजय भास्कर
(July 30, 2010 - 5:31 pm)बहुत सुन्दर शब्द चुने आपने कविताओं के लिए..
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