मेरे सपनों को जलने दे,
यूँ ही मुझे सुलगने दे !
तेरी नियत से क्या वास्ता मेरा,
तू पत्थर है, हर कदम गिरने वाला,
में इंसान हूँ हर पल सम्हलने वाला !
जले ही सही कुछ ख्वाब है मेरे,
दबे ही सही कुछ अरमान है मेरे,
भटका ही सही, एक राह है मेरी,
दिखती नही, पर एक मंजिल है मेरी !
चेहरे बदल बदल कर छिपते हो,
हर रंग हर वेश में, हर देश में !
तू पत्थर है, हर कदम गिरने वाला,
में इंसान हूँ हर पल सम्हलने वाला !
# : $ujit