वसंत की ताक में ….
जाती हुई ठण्ड, पछिया हवा के थपेड़े, किसी रूठी हुई प्रेमिका की तरह का दिन, दोपहर जैसे खामोश और चिरचिरा, न कुछ बोलता न कुछ सुनना ही चाहता ! वो …
वसंत की ताक में …. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
जाती हुई ठण्ड, पछिया हवा के थपेड़े, किसी रूठी हुई प्रेमिका की तरह का दिन, दोपहर जैसे खामोश और चिरचिरा, न कुछ बोलता न कुछ सुनना ही चाहता ! वो …
वसंत की ताक में …. Read More