
वार्तालाप ….
वार्तालाप बस दिनचर्या की तरह, जैसे अधूरी ख्वाहिशों की सेज हो, कोई समझौते की बंदिश है इसपर, या शब्दविहीन तल्खी हो कोई अंदर ! रोज खिड़की से दिखती सुबह, और …
वार्तालाप …. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
वार्तालाप बस दिनचर्या की तरह, जैसे अधूरी ख्वाहिशों की सेज हो, कोई समझौते की बंदिश है इसपर, या शब्दविहीन तल्खी हो कोई अंदर ! रोज खिड़की से दिखती सुबह, और …
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