रोजमर्रा – In Night & Pen With #SK
मैं किसी पंक्ति में खरा कुछ वार्तालाप सुनता जा रहा था; रोज में सुबह जा भीड़ में खो जाता, पढ़ने की कोशिश करता कुछ देर के वक्त में अनेकों अजनबी …
रोजमर्रा – In Night & Pen With #SK Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
मैं किसी पंक्ति में खरा कुछ वार्तालाप सुनता जा रहा था; रोज में सुबह जा भीड़ में खो जाता, पढ़ने की कोशिश करता कुछ देर के वक्त में अनेकों अजनबी …
रोजमर्रा – In Night & Pen With #SK Read Moreइन उम्मीदों की मंजिल क्या है .. ये सवाल अपने आप से पूछता अक्सर वो;वर्तमान से उस आने वाले समय की परिकल्पना कैसे उमड़ रही ! जैसे वो कहा रहा …
Not as a Stranger – Night & Pen Read More