मेरी बात .. अब तेरी बात – Participation in Facebook Virtual Poetry Meet

मेरी बात ..अब तेरी बात .. मेरा दर्द .. अब तेरा दर्द .. कुछ चंद लम्हों के लिए ही सही , ऐसी कुछ बिछी बिसात थी ! ~ दिन काली …

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तू भी मेरे ठोकरों पर हँस ले – A Thought

तू भी मेरे ठोकरों पर हँस ले , हाथ छोर कर जो चला हु तेरा ! परेशा ना हो  मेरी गिरते सम्हलते कदमो पर , कदम जब बढ़ा ही दिया …

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शब्दो के दरमियाँ फासले बहुत थे – A Random Thoughts

शब्दो के दरमियाँ फासले बहुत थे , पर कुछ बातें तो निकली जुबान से ! अनसुनी न थी बातें मेरी , मगर गुस्ताख़ी का नाम दे गये ! यूँ तो …

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