
बारिश .. सूनी सूनी !
बारिश, रात और भींगे मुंडेरों से टपकती है बूंदें ही नहीं , अनेकों पुरानी यादें भी रिसती रहती है कोनों कोनों से ! वो पुरानी खिड़की जिसके फांकों से एक …
बारिश .. सूनी सूनी ! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
बारिश, रात और भींगे मुंडेरों से टपकती है बूंदें ही नहीं , अनेकों पुरानी यादें भी रिसती रहती है कोनों कोनों से ! वो पुरानी खिड़की जिसके फांकों से एक …
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