खानाबदोश….
अलग अलग मंजिलों पर रहता मैं, कभी जिंदगी की तन्हाई तलाशने, ऊपर छत पर एक कमरा है, पुराना रेडियो पुरानी कुर्सी, और धूल लगी हुई कई तस्वीरें, जिंदगी से ऊब …
खानाबदोश…. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
अलग अलग मंजिलों पर रहता मैं, कभी जिंदगी की तन्हाई तलाशने, ऊपर छत पर एक कमरा है, पुराना रेडियो पुरानी कुर्सी, और धूल लगी हुई कई तस्वीरें, जिंदगी से ऊब …
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