
तुम आओ लौट के …
तुम आओ लौट के, देखो सिलवटें बिछावन की, वैसी ही है अब भी । बिखरे बिखरे से पड़े है, सारे सामान मेरे तुम्हारे । देखो हरतरफ हरजगह की, सब चीजेँ …
तुम आओ लौट के … Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
तुम आओ लौट के, देखो सिलवटें बिछावन की, वैसी ही है अब भी । बिखरे बिखरे से पड़े है, सारे सामान मेरे तुम्हारे । देखो हरतरफ हरजगह की, सब चीजेँ …
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