चाँद और तुम …..
एक आदत सी इधर से डाली है, रोज ऊपरी मंजिल पर आ मैं, पेड़ की झुरमुटों में चाँद देखा करता, एक दिन पूरा था तुम्हारी तरह, हजारों सितारों के बीच …
चाँद और तुम ….. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
एक आदत सी इधर से डाली है, रोज ऊपरी मंजिल पर आ मैं, पेड़ की झुरमुटों में चाँद देखा करता, एक दिन पूरा था तुम्हारी तरह, हजारों सितारों के बीच …
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