इस तरह जिन्दगी से कुछ पल उधार लेता हूँ !

रात के सुकूं के दो पल इस तरह संवार देता हूँ , सारे थके थके रिश्तों को उतार देता हूँ, भूल जाता हूँ कुछ पल के लिए गम सारे, इस …

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