
इस तरह जिन्दगी से कुछ पल उधार लेता हूँ !
रात के सुकूं के दो पल इस तरह संवार देता हूँ , सारे थके थके रिश्तों को उतार देता हूँ, भूल जाता हूँ कुछ पल के लिए गम सारे, इस …
इस तरह जिन्दगी से कुछ पल उधार लेता हूँ ! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
रात के सुकूं के दो पल इस तरह संवार देता हूँ , सारे थके थके रिश्तों को उतार देता हूँ, भूल जाता हूँ कुछ पल के लिए गम सारे, इस …
इस तरह जिन्दगी से कुछ पल उधार लेता हूँ ! Read Moreक्या आसां है उन चिड़ियों को कह देना, उस बरामदे तुम ना चहचहाना अब; अब अजनबी सा वो मकान हो गया है; सुबह को भी बनाना मुश्किल ही है, चेहरों …
Insane Life … Read More