तलाशता हूँ वो कमी – Some Memoirs On Father’s Day !!

सतत प्रयत्न बेमानी सा है आज, अर्थहीन सफलता का बोझ कैसा, मेरा मकाँ पर अब जंजीरें और ताले है ! ईटों गारों से भी आगे कुछ लगा था, आपके सपनों …

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