जमीं पर परा वो पत्ता ..
साख से कैसे छुट गया ये पत्ता, इतना भी पुराना तो रिश्ता नहीं, उम्र भी नहीं था रंग भी थे अभी भरे, दरख्त ने गिरा दिया इसे कैसे ! अनेकों …
जमीं पर परा वो पत्ता .. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
साख से कैसे छुट गया ये पत्ता, इतना भी पुराना तो रिश्ता नहीं, उम्र भी नहीं था रंग भी थे अभी भरे, दरख्त ने गिरा दिया इसे कैसे ! अनेकों …
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