![evening view poetry](http://www.sujitkumar.in/wp-content/uploads/2020/03/evening.jpg)
बीतते दिन का मंजर …
बीतते दिन का मंजर ऐसा है , जैसे उम्र पतझड़ सी जिंदगी । बोझिल मन ऐसा होता, जैसे शाम उतर आयी हो सीने में । झुरमुटों में कैद दिन का …
बीतते दिन का मंजर … Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
बीतते दिन का मंजर ऐसा है , जैसे उम्र पतझड़ सी जिंदगी । बोझिल मन ऐसा होता, जैसे शाम उतर आयी हो सीने में । झुरमुटों में कैद दिन का …
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