जीवन ऐसे ही बढ़ता !!
दिन बोझिल हो बेजार जब, तन कुछ भी ना कहता, कुछ ख्वाबों को इस रात का, जब इक पनाह है मिलता ! सुबह फिर वही वैसी ही होगी, तब ही …
जीवन ऐसे ही बढ़ता !! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
दिन बोझिल हो बेजार जब, तन कुछ भी ना कहता, कुछ ख्वाबों को इस रात का, जब इक पनाह है मिलता ! सुबह फिर वही वैसी ही होगी, तब ही …
जीवन ऐसे ही बढ़ता !! Read More