गिरह – Knot of Life : #Night & #Pen !
गिरह ऐसी भी नहीं थी की टूट जाती, हाँ कुछ बन्धन जो वक्त, मायूसी, खामोशी के थे ..सब आजाद है अब ! मैं इस इल्जाम का इतना भी हक़दार नहीं …
गिरह – Knot of Life : #Night & #Pen ! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
गिरह ऐसी भी नहीं थी की टूट जाती, हाँ कुछ बन्धन जो वक्त, मायूसी, खामोशी के थे ..सब आजाद है अब ! मैं इस इल्जाम का इतना भी हक़दार नहीं …
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