
लुका-छुपी ….
बचपन का एक कौतुहल जो हर बच्चा अपने माँ के आँचल में सीखता, चेहरा छुपाना, फिर शरारत भरी नजरों से देखना की सब उसको देख रहे या नहीं, कभी कभी …
लुका-छुपी …. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
बचपन का एक कौतुहल जो हर बच्चा अपने माँ के आँचल में सीखता, चेहरा छुपाना, फिर शरारत भरी नजरों से देखना की सब उसको देख रहे या नहीं, कभी कभी …
लुका-छुपी …. Read Moreदशहरे की शाम जो आयी, देखा तमस को जलते हुए, मन में उमंगो को भरते हुए.. वो बचपन … गाँव की वो सीधी सड़क, जो मेले के तरफ ले जाती …
दशहरे की शाम जो आयी ..! Read More