मेरे नन्हें फ़रिश्ते …
कुछ नन्हीं हाथों के बीच, मैंने अपने उँगलियों को महसूस किया, कौतुहल में तुमने कस रखे थे अपने हाथ, यूँ पहली बार छुआ था मैंने तुमको ! बहुत मासूम सा …
मेरे नन्हें फ़रिश्ते … Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
कुछ नन्हीं हाथों के बीच, मैंने अपने उँगलियों को महसूस किया, कौतुहल में तुमने कस रखे थे अपने हाथ, यूँ पहली बार छुआ था मैंने तुमको ! बहुत मासूम सा …
मेरे नन्हें फ़रिश्ते … Read More