
कई महीनों बंद रहता वो मकां
कई महीनों बंद रहता वो मकां, मेहमान नवाजी अब नहीं होती वहाँ ! रुक के आते जाते सब देखते थे, कोई खैर पूछता दिख जाता था, अब आते जाते लोग …
कई महीनों बंद रहता वो मकां Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
कई महीनों बंद रहता वो मकां, मेहमान नवाजी अब नहीं होती वहाँ ! रुक के आते जाते सब देखते थे, कोई खैर पूछता दिख जाता था, अब आते जाते लोग …
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