यूँ तो रंग बहुतेरे ए जिंदगी ..
कुछ दिखा रंग कुछ छिपा रंग !
कुछ रंगों ने रंग दिया हमें..
कुछ रंगों ने ठग लिया हमें !
कुछ रंग थे जैसे एक नयी कहानी..
कुछ रंग था जैसे बिसरी वो कहानी !
यादों में रंगीन तस्वीर बनाई..
लम्हों लम्हों की सब याद सजायी !
तेरे इंतेजार ने कुछ रंग चुराये ..
रंग तो तेरे भी खूब छाये थे हम पर !
हमें तो तस्वीर अभी भी अधूरी लगती,
भरेंगे कुछ और रंग सफर अभी जारी है ..!
: – सुजीत भारद्वाज