पिया तोरा कैसा अभिमान ..! ! @ Raincoat Movie

RainCoat – एक हिंदी चलचित्र ..जो दिल को छु जाती ..

(एक ऐसी कहानी रिश्तों की , नारी जीवन की सच्चाई या एक बलिदान की , प्यार की …
या आपके जिंदगी के पत्रों को जीवंत करती कहानी के कुछ पल … आप भी देखे ! ! )

[ “RITUPARNO GHOSH’S RAINCOATappears to tell a story that could be detailed on the back of a bus ticket. Mannu (Ajay Devgan) comes to Kolkata, meets ex-girlfriend-and-now-married Neeru (Aishwarya Rai), and talks to her until the film ends (with a heartbreaking twist characteristic. ” ]

किसी मौसम का झोंका था ..

जो इस दीवार पर लटकी हुई तस्वीर तिरछी कर गया है ..
गये सावन में ये दीवारें यूँ सिली नही थी ,
नजाने इस दफा क्यूँ इनमे सीलन आ गयी है , दरारे पर गयी है i,
और सीलन इस तरह बहती है जैसे खुश्क रुकशारो पर गिले आंसू चलते है ..


ये बारिश गुनगुनाती थी , इसी छत की मुंडेरो पर..
ये घर की खिर्कियों के कांच पर ऊँगली से लिख जाती थी संदेशे ,
पर बिलखती रहती है बैठी हुई , अब बंद रोशन दानो के पीछे ..

दुपहरे ऐसी लगती है , बिना मोहरों के खली खाने रखे है ,
न कोई खेलने वाला है बाजी , और न कोई चल चलता है .

न कोई खेलने वाला है बाजी , और न कोई चल चलता है ..
न दिन होता , न रात होती , सभी कुछ रुक गया है ..
वो क्या मौसम का झोंका था ,
जो इस दीवार पर लटकी हुई तस्वीर तिरछी कर गया …

प्रेषित : सुजीत कुमार लक्की


अंत : ये प्रतिशोध था या प्रयाशचित ?

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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