जितना तुझे समझता,
उतना तू उलझ जाता !
हर कदम रुक तुझे मुड़ के देखता,
तू उतना दूर चला जाता !
जितना मैं तुझे खुदा कहता,
तू उतना ही रूठ जाता !
शिद्दत से इबादत है मेरे मन में,
मैं हर कदम काफ़िर बन जाता !
जब तलाशता किसी खाली पल में,
उसी वक्त मुझे अकेला कर जाता !
वक्त लगता इंतेजार रहता हर मुकाम को पाने,
हर इंतेजार के बाद बस मैं हाथ खाली रह जाता !
जिंदगी तु है .. जिंदगी ये है,
ना मैं समझता, बाँकी सब समझा जाता !
#SK
from now it is my favourite one
jiske liye likha gya wo fav kre to words ko apna mukaam mil jata thnks 🙂
कल 22/11/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद!