जब उस राह से गुजरे !


जब जब उस राह से गुजरते..
कुछ चुप्पी संजीदा सी उभरती थी ..
मौज ठहर जाती इन चेहरों से ..
वही खुशबू बिखर जाती थी आसपास !

सवाल तो अब खुद खामोश हो गए ..
उसे खमोशी टूटने का इन्तेजार ही चुप करा गया !

मुह मोड़े फिर गुजरने लगे उन राहों से..
जैसे हो अजनबी, गालियाँ भी अनजानी..
नजरे भी गिरी, अनायास ना हो जाये सामना ..
भले गीत वही पुराने, पर अनसुना जैसे कोई नाता नही !

बस अतीत के लम्हों की गुजारिश रही..
पहले की गुस्ताखी अब साजिश ना समझे कोई !

Sujit kr..

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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