एक नये वर्ष को आना है ,
बस खुशियों में खो जाना है !
बीते हुए वर्ष से …
कुछ यादें देकर चली गयी ,
कुछ वादों से वो मुकर गयी ,
किस रस्ते लेकर चली गयी,
अब उसको क्या समझाना है,
एक नये वर्ष को आना है !
कब गुजर गया ये वर्ष…
कब क्या सोचा समझा पता नहीं ,
आँखें भी तर थी, पता नही ,
कोई चला गया कुछ खबर नहीं ,
हम भी चलते रहे, पर डगर नहीं !
अब तो बस अपनी ही बारी है ,
एक नये की वर्ष की तैयारी है !
रचना : सुजीत कुमार लक्की (आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ )
6 thoughts on “एक नये वर्ष को आना है !”
Udan Tashtari
(December 31, 2009 - 6:33 pm)वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाने का संकल्प लें और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
– यही हिंदी चिट्ठाजगत और हिन्दी की सच्ची सेवा है।-
नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी
सुलभ सतरंगी
(January 1, 2010 - 4:16 am)नया वर्ष नयी उम्मीदों
नयी तैयारियों के नाम
नूतन उत्साह और
नवीन चेतना के नाम
नववर्ष की बधाई एवं शुभकामनाएँ!
– सुलभ जायसवाल ‘सतरंगी’
संगीता पुरी
(January 1, 2010 - 5:27 am)आपके और आपके परिवार के लिए भी नववर्ष मंगलमय हो !!
sakhi with feelings
(January 11, 2010 - 6:20 pm)achi rachna
apko bhi nav varsh ki shubhkamanye
Sourav Kumar
(January 12, 2010 - 5:52 pm)well said ! nice Happy new year to You
vickybornarefashion
(January 1, 2013 - 7:19 am)नये साल ने दी सौगात,
मिलो बैठो करो दो बात,
बात मेहनत परिश्रम की,
अधिक, नहीं कम की.
कैसे करना है अभ्यास?
आलस से होता विनाश,
आलस की आदत खराब,
चुस्ती फुर्ती से इंकलाब.
सूर्य चमकाए धुप नवल,
खेत बाग़ लहराये फसल,
कैलेंडर में बारह मास,
सप्ताह वार ब्यौरा ख़ास.
इसी से बनाना प्लान,
अर्जुन जैसा शर संधान,
पास फटके न विफलता,
मिलती ही रहे सफलता.
नये साल में साधो लक्ष्य,
समय कभी न करो व्यर्थ,
समय लौट के फिर न आता,
बहता जल बहता ही जाता.
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