एक क्रिकेट मैच की वेदना

छुपते नही आंसू आब इन चेहरों में ,
इसे निकलने का एक जरिया दे दे !
बहुत मायूस इस भीड़ में हम,
बस रोने का एक कंधा दे दे !
बहुत लड़ चूका अपनी कीस्मत से ….
ए मेरे खुदा तू मुझे कब तक आज्म्येगा …..

एक रोज की साम ही थी ये क्रिकेट मैच लेकिन ,
कुछ उमीदो को यूँ ढहते देख मन वेदना से भर गया,
आज पहली बार sachin के आँखों में ३ रन की अहमियत देखी,
लग रही थी आंसू के सैलाब को भीड़ ने रोक रखा हो
बस हमारा मन भी भावनाओ से आहात हुआ जा रहा
काश हम जीत जाते , एक शतकवीर ३ रन के लए तरस गया ..

रचना : सुजीत कुमार लक्की
 

 

About Sujit Kumar Lucky

Sujit Kumar Lucky - मेरी जन्मभूमी पतीत पावनी गंगा के पावन कछार पर अवश्थित शहर भागलपुर(बिहार ) .. अंग प्रदेश की भागीरथी से कालिंदी तट तक के सफर के बाद वर्तमान कर्मभूमि भागलपुर बिहार ! पेशे से डिजिटल मार्केटिंग प्रोफेशनल.. अपने विचारों में खोया रहने वाला एक सीधा संवेदनशील व्यक्ति हूँ. बस बहुरंगी जिन्दगी की कुछ रंगों को समेटे टूटे फूटे शब्दों में लिखता हूँ . "यादें ही यादें जुड़ती जा रही, हर रोज एक नया जिन्दगी का फलसफा, पीछे देखा तो एक कारवां सा बन गया ! : - सुजीत भारद्वाज

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13 Comments on “एक क्रिकेट मैच की वेदना”

  1. इस खेल ने सब कुछ दिया हमको
    फिर भी मंजिल मुझसे रूठी बैठ है.

    …सिर्फ यही कह सकता हूँ मैं सचिन की पीडा देखकर.

  2. Bachpan k dukh bhi kitne achhe the!
    Tub to shirf khilone tuta karte the !!

    wo khushiya bhi na jane kaisi khusiya thi!
    Titli pakad k uchhala karte the !!

    Paon mar k khud barish k pani me!
    apne aap ko bhigoya karte the!!

    Ab to ak aansu bhi rusva kar jate hai!
    Bachpan me to dil khol k roya karte the!!

    http://prinsnitin.blogspot.com/

  3. सच कहा है
    बहुत … बहुत .. बहुत अच्छा लिखा है
    हिन्दी चिठ्ठा विश्व में स्वागत है
    टेम्पलेट अच्छा चुना है. थोडा टूल्स लगाकर सजा ले .
    कृपया वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें .
    कृपया मेरे भी ब्लागस देखे और टिप्पणी दे
    http://manoj-soni.blogspot.com/

  4. हुज़ूर आपका भी एहतिराम करता चलूं…….
    इधर से गुज़रा था] सोचा सलाम करता चलूं

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  5. खेल तो खेल है फिर भी – लग रही थी आंसू के सैलाब को भीड़ ने रोक रखा हो बस हमारा मन भी भावनाओ से आहात हुआ जा रहा काश हम जीत जाते, एक सतकवीर ३ रन के लए तरस गया .. भावनात्मक एवं प्रशंसनीय.

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