मेरे हमसफर
यूँ राह में, डगर में, छोड़ के चले जो हमसफर .. मगरूर बन, आवाज न देंगे, मेरे हमसफर ! गुजरे पल बीते, जैसे बीते गये हर पहर .. गुम से …
मेरे हमसफर Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
यूँ राह में, डगर में, छोड़ के चले जो हमसफर .. मगरूर बन, आवाज न देंगे, मेरे हमसफर ! गुजरे पल बीते, जैसे बीते गये हर पहर .. गुम से …
मेरे हमसफर Read Moreकिन सपनों को तलाशे, जिसे अधखुले आँखों ने कभी आने ही ना दिया ! या जिन्हें नींद के सौतेलेपन ने, आने से पहले तोड़ दिया ! वक्त की उड़ानो ने …
ए जिंदगी तुझे कुछ ऐसा ही समझा ! Read More