थे साथ कभी – All Together ??
इन राहों से कितने बिछड़े,जहाँ हर सुबह महफ़िल बनती थी, पूछते थे खबर हर यारों की, तेरे रंग मेरे रंग बादलों सी सजती,मन सपने बुनती संवरती..और फिर धुँधली सी परती …
थे साथ कभी – All Together ?? Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
इन राहों से कितने बिछड़े,जहाँ हर सुबह महफ़िल बनती थी, पूछते थे खबर हर यारों की, तेरे रंग मेरे रंग बादलों सी सजती,मन सपने बुनती संवरती..और फिर धुँधली सी परती …
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