Rain & Poetry

सावन यूँ ही उतरा है आँगन में

बारिश से भींगे ये रास्ते, चहलकदमी के निशान, पत्तों पर फिसलती बूंदे, उथले उथले गड्ढों में पानी, सूखे पत्ते कीचड़ से सने हुए, आसमान में मेघों का झुंड, रुक रुक …

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