तेरी सुबह – Your Morning
जिन पौधों को तुम सींचते,आज देखो खिल खिला बुला रहे तुम्हें ! आसमां से ओझल होते तारे सारे,कह रहे जाते देखो हो गयी तेरी सुबह ! कोई सोच रहा, आज …
तेरी सुबह – Your Morning Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
जिन पौधों को तुम सींचते,आज देखो खिल खिला बुला रहे तुम्हें ! आसमां से ओझल होते तारे सारे,कह रहे जाते देखो हो गयी तेरी सुबह ! कोई सोच रहा, आज …
तेरी सुबह – Your Morning Read Moreथोरा ढला ढला,झुका झुका सुबह था आज का, सूरज भी था कहीं खोया था आज मेरी तरह, ठण्ड हवा की थोरी कंप कपी, छु रही थी जैसे ; माँ ने …
सूरज ने दो जगह से उगना शुरु कर दिया … Read More