DILUTE LOVE POETRY

किसी भी लहजे में नहीं ….

किसी भी लहजे में तो नहीं कहा, की तुम्हारी कई बातें अच्छी नहीं, झुंझलाहट भरी थी चुप्पी तेरी, प्रेम में डूब के कैसे कहता की, कुछ द्वेष भी तो पलने …

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