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अब कौन डगर मुझे चैन मिले !
अब कौन डगर मुझे चैन मिले ! किस पथ जाऊ बस रैन मिले ! सूखे रूखे पतझर से, झुकते थकते डाली पर , अब खुशियों की कोई कुसुम खिले ! …
अब कौन डगर मुझे चैन मिले ! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
अब कौन डगर मुझे चैन मिले ! किस पथ जाऊ बस रैन मिले ! सूखे रूखे पतझर से, झुकते थकते डाली पर , अब खुशियों की कोई कुसुम खिले ! …
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