एक रात शहर की – Devils of Dark Night …!
जब रात तमस बड़ी गहरी थी,सहमी सी और सुनी थी ! घना अँधेरा धरा पर आता,शहर घना जंगल बन जाता ! मद में विचरते कुंजर वन में,विषधर ब्याल रेंगते राहों …
एक रात शहर की – Devils of Dark Night …! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
जब रात तमस बड़ी गहरी थी,सहमी सी और सुनी थी ! घना अँधेरा धरा पर आता,शहर घना जंगल बन जाता ! मद में विचरते कुंजर वन में,विषधर ब्याल रेंगते राहों …
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