बरसों सावन – Waiting For Rain
कैसे सावन आये तुम बिन गहने !छितिज धरा सब धुल उराये,नभ के बदल बन गये पराये, उमड़ घुमड़ तुम आते ऐसे !कसक मन की भी जाती जैसे,जग चर की तुम …
बरसों सावन – Waiting For Rain Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
कैसे सावन आये तुम बिन गहने !छितिज धरा सब धुल उराये,नभ के बदल बन गये पराये, उमड़ घुमड़ तुम आते ऐसे !कसक मन की भी जाती जैसे,जग चर की तुम …
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