रंग फीका फाल्गुन !
चहुतेरे कूके कोयल, बहका बहका शिशिर, महका महका बसंत, चहका चहका फाल्गुन ! गलीचे में छुपा गम ही गम, कहना कैसा १०० भी है कम, [ कुछ आती घर की …
रंग फीका फाल्गुन ! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
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