ये रात …? – A Night
रात .. बात नही बस सुर्ख काले अंधेरों और दो चार दमकती चाँद तारों की…रात .. बात नही अकेली अँधेरी गलियों और सुनसान सड़कों से गुजर जाने की .. रात …
ये रात …? – A Night Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
रात .. बात नही बस सुर्ख काले अंधेरों और दो चार दमकती चाँद तारों की…रात .. बात नही अकेली अँधेरी गलियों और सुनसान सड़कों से गुजर जाने की .. रात …
ये रात …? – A Night Read Moreअब नींद झपकियों से परे हो रहा था, आँखों में आकुलता सी छा रही थी, बोरी सी भर के जिंदगी को ले चली, फरॉटा गाड़ी सांय सांय करते हुए ! …
इक रात की बात ! Read Moreकई रातें लंबी बीती थी सदियों जैसी, ऐसी तंग गलियों में युग सा था चाँद को देखा, याद हमें एक आती है जब साँझ पसरते .. उमस सी सावन होती …
रात के नभ चल तारों को देखा ! Read More