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सूरज ने दो जगह से उगना शुरु कर दिया …
थोरा ढला ढला,झुका झुका सुबह था आज का, सूरज भी था कहीं खोया था आज मेरी तरह, ठण्ड हवा की थोरी कंप कपी, छु रही थी जैसे ; माँ ने …
सूरज ने दो जगह से उगना शुरु कर दिया … Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
थोरा ढला ढला,झुका झुका सुबह था आज का, सूरज भी था कहीं खोया था आज मेरी तरह, ठण्ड हवा की थोरी कंप कपी, छु रही थी जैसे ; माँ ने …
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