गंगा आये कहाँ से ..
ये गंगा की धुँधली तलहटी या, या उसकी ममता का पसरा आँगन ! हर सुबह .. नजर आती है मंदाकनी का फैला जहाँ, और छितिज पर गुलाबी आभा मिलती हुई …
गंगा आये कहाँ से .. Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
ये गंगा की धुँधली तलहटी या, या उसकी ममता का पसरा आँगन ! हर सुबह .. नजर आती है मंदाकनी का फैला जहाँ, और छितिज पर गुलाबी आभा मिलती हुई …
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