चंद सिक्के – Night & Pen

वक्त निकल रहा यूँ अपनी रफ़्तार से;सांसे भी खत्म हो रही अनगिनत रोज,जिंदगी बदल भी रही, आगे भी बढ़ रही;जब सोचता हूँ आगे एक दशक की बातें,लगता एक इंतेजार तो …

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