अब मुझे इन्तेजार कहाँ ! – A Poem
अब मुझे कोई इन्तेजार कहाँ ! तेरी मायूसी का ऐतबार कहाँ ! यूँ भागे है किस तरफ तब से , की अब हमे चैन कहाँ ! पिघल जाये ये दिल …
अब मुझे इन्तेजार कहाँ ! – A Poem Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
अब मुझे कोई इन्तेजार कहाँ ! तेरी मायूसी का ऐतबार कहाँ ! यूँ भागे है किस तरफ तब से , की अब हमे चैन कहाँ ! पिघल जाये ये दिल …
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