अब कौन डगर मुझे चैन मिले !
अब कौन डगर मुझे चैन मिले ! किस पथ जाऊ बस रैन मिले ! सूखे रूखे पतझर से, झुकते थकते डाली पर , अब खुशियों की कोई कुसुम खिले ! …
अब कौन डगर मुझे चैन मिले ! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
अब कौन डगर मुझे चैन मिले ! किस पथ जाऊ बस रैन मिले ! सूखे रूखे पतझर से, झुकते थकते डाली पर , अब खुशियों की कोई कुसुम खिले ! …
अब कौन डगर मुझे चैन मिले ! Read Moreथोड़ी फुरसत दे ए जिंदगी .. कहीं तो जाके ढूंड लाऊ खुद को, खुद अपने से सिसकता वक्त की टिक टिक सोने नही देती, ये मुखोटे लगाये इंसानों के शोर …
थोड़ी फुरसत दे ए जिंदगी ..City Life Read More