![](http://www.sujitkumar.in/wp-content/uploads/2013/11/sleepless_nights.jpg)
□ ■ Dreams of Night □ ■
सवा पहर का रात वो ..वक्त टूटी ..नींद छुटी,आवाज दे गए थे शायद,देखा सिरहाने कुछ लब्ज थे परे,गुनगुनाये तेरे, कह गए बात कुछ ! बीती रात का भ्रम सही या,या …
□ ■ Dreams of Night □ ■ Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
सवा पहर का रात वो ..वक्त टूटी ..नींद छुटी,आवाज दे गए थे शायद,देखा सिरहाने कुछ लब्ज थे परे,गुनगुनाये तेरे, कह गए बात कुछ ! बीती रात का भ्रम सही या,या …
□ ■ Dreams of Night □ ■ Read More