काफ़िर – 2 …. !!
वो काफिर मंदिर की सीढ़ियों तक ही रहता, नीचे वहीँ सोचता टटोलता खुद को तलाशता ! तृष्णा थी उसके पास नजाने कैसी .. अनंत संवेदनाओं से भरी लिपटी ! हवायें …
काफ़िर – 2 …. !! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
वो काफिर मंदिर की सीढ़ियों तक ही रहता, नीचे वहीँ सोचता टटोलता खुद को तलाशता ! तृष्णा थी उसके पास नजाने कैसी .. अनंत संवेदनाओं से भरी लिपटी ! हवायें …
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