आज मे अपने गाँव चला …Going To Home !
आज मे अपने गाँव चला … कुछ ममता मिल जाये आँचल की, आज फिर उनको लेने चला ! जिन गलियों मे बीता मेरा बचपन, आज फिर उनको जीने चला ! …
आज मे अपने गाँव चला …Going To Home ! Read MoreThe Life Writer & Insane Poet
आज मे अपने गाँव चला … कुछ ममता मिल जाये आँचल की, आज फिर उनको लेने चला ! जिन गलियों मे बीता मेरा बचपन, आज फिर उनको जीने चला ! …
आज मे अपने गाँव चला …Going To Home ! Read Moreयूँ बैठे थे की हवाओ ने रुख बदला और कुछ फुहारों ने मन को हर्षित कर दिया और कुछ मन मे आये भाव… देखो बह रही ये कैसी बहार, बरसी …
आई रे आई ये रिमझिम फुहार ! ! – It’s A Rainy Day Read Moreअब मुझे कोई इन्तेजार कहाँ ! तेरी मायूसी का ऐतबार कहाँ ! यूँ भागे है किस तरफ तब से , की अब हमे चैन कहाँ ! पिघल जाये ये दिल …
अब मुझे इन्तेजार कहाँ ! – A Poem Read Moreतू भी मेरे ठोकरों पर हँस ले , हाथ छोर कर जो चला हु तेरा ! परेशा ना हो मेरी गिरते सम्हलते कदमो पर , कदम जब बढ़ा ही दिया …
तू भी मेरे ठोकरों पर हँस ले – A Thought Read Moreशब्दो के दरमियाँ फासले बहुत थे , पर कुछ बातें तो निकली जुबान से ! अनसुनी न थी बातें मेरी , मगर गुस्ताख़ी का नाम दे गये ! यूँ तो …
शब्दो के दरमियाँ फासले बहुत थे – A Random Thoughts Read Moreहोली रंगों के त्यौहार पर – अपने घर से दूर मेरे मन ने रंगा दिया कई रंगों में .. हम रंगों से दूर उमंगो से दूर ! ! वो क्या …
होली – इन आँखों में जो रंग है – My Holi 2010 Read More